Month: September 2017
रावण बनना भी हर किसी के बस की बात नही विद्वान ही नही, महाविद्वान था, पंडितो का भी पंडित था, अगर किया था उसने सीता का हरण तो मर्यादा …
ज़िन्दगी ज़बरदस्त है, इसे ज़बरदस्ती ना जिएं, ज़बरदस्त तरीक़े से जीएं । जिंदगी जो शेष है…. वो ही विशेष है।
प्रार्थना और विश्वास दोनों अदृश्य हैं, परंतु…. दोनों में इतनी ताकत है की, नामुमकिन को मुमकिन बना देते हैं।
घर के बाहर दिमाग़ लेकर जाओ, क्योंकि … दुनिया एक बाज़ार है . लेकिन घर के अंदर सिर्फ दिल लेकर जाओ , क्योंकि … वहाँ एक परिवार है ।
जो छोटे मसलों में सच को गंभीरता से नहीं लेता, उस पर बड़े मसलों में भी भरोसा नहीं किया जा सकता।
ज़िंदगी तो सभी के लिए एक रंगीन किताब है , फर्क बस इतना है कि, कोई हर पन्ने को दिल से पढ़ रहा है और कोई दिल रखने के …
भाग्य बारिश के पानी की तरह और.. परिश्रम कुंए के जल की तरह है बारिश में नहाना आसान तो है, लेकिन… रोज नहाने के लिए हम बारिश के सहारे …
सोचिये अगर आप शाम को अकेले वापस अपने घर आ रहे हो और आपको अचानक हार्ट अटैक आ जाये तो आप क्या करेंगे? शायद आप सोच रहे है की …
दूसरों की परेशानी में हमें आनंद नहीं लेना चाहिए, कही “भगवान” हमें वही “गिफ्ट” न कर दे, क्योंकि “भगवान” हमे वही तो देते है, जिसमे हमें आनंद मिलता है।
सुबह की नींद इंसान के इरादों को कमज़ोर करती है, मंज़िलों को हाँसिल करने वाले, कभी देर तक सोया नहीं करते। वो आगे बढ़ते है जो सूरज को जगाते …