भाग्य बारिश के पानी की तरह
और..
परिश्रम कुंए के जल की तरह है
बारिश में नहाना आसान तो है,
लेकिन…
रोज नहाने के लिए हम बारिश
के सहारे नहीं रह सकते…
इसी प्रकार भाग्य से कभी-कभी
चीजे आसानी से मिल जाती है,
किन्तु हमेशा भाग्य के भरोसे नहीं जी सकते।
कर्म ही असली भाग्य है।