क्या खूब कहा है किसी ने..
गंदगी तो, देखने वालों की,
‘नज़रों में होती है..’
वरना कचरा चुनने वालों को तो,
“उसमें भी रोटी नज़र आती है.
क्या खूब कहा है किसी ने..
गंदगी तो, देखने वालों की,
‘नज़रों में होती है..’
वरना कचरा चुनने वालों को तो,
“उसमें भी रोटी नज़र आती है.